रिमांड के दौरान कैंप जेल नहीं, बिरसा मुंडा जेल में रात में हेमंत सोरेन को रखने का किया गया है आग्रह, आज आएगा फैसला

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Ranchi: 5 दिन की रिमांड की अवधि में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से दिन में पूछताछ के बाद रात में उन्हें कैंप जेल नहीं बल्कि बिरसा मुंडा जेल, होटवार में रखने का आग्रह हेमंत सोरेन के अधिवक्ता की ओर से ईडी कोर्ट में किया गया था. बहस में हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन द्वारा ईडी कोर्ट से सुरक्षा की दृष्टिकोण से हेमंत सोरेन से दिन में पूछताछ के बाद रात में किसी थाने में या कैंप जेल में रात में रखने का आग्रह ईडी कोर्ट से किया गया था लेकिन बाद में हेमंत सोरेन की ओर से रात में केवल बिरसा मुंडा जेल में ही रखने पर बहस की गई और कैंप जेल की कोई चर्चा नहीं की गई थी.

कोर्ट से यह भी आग्रह किया गया था कि रिमांड के दौरान हेमंत सोरेन के परिजनों को आधा घंटा और उनके अधिवक्ता को आधा घंटा मिलने का मौका दिया जाए हालांकि इन दोनों बिंदुओं पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद ईडी की विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. अदालत शनिवार को हेमंत सोरेन को रात में बिरसा मुंडा जेल के संबंध में किए गए आग्रह पर अपना आदेश सुनाएगी.

हेमंत सोरेन को जान का है खतरा

बहस के दौरान हेमंत के अधिवक्ता की ओर से रेमंड के दौरान ईडी के पास हेमंत सोरेन की जान का खतरा बताया गया था. कहा गया था कि दिन में ईडी उनसे पूछताछ करें और रात में सुरक्षा के दृष्टिकोण से हेमंत सोरेन को बिरसा मुंडा जेल में रखा जाए हालांकि ईडी ने हेमंत सोरेन की ओर से दिए गए इस दलील का विरोध किया था.

हेमंत सोरेन की ओर से दिए गए इस दलील का ईडी की ओर से हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने विरोध करते हुए कहा की रिमांड में दो तरह की कस्टडी होती है, आधी आधी कस्टडी नहीं होती है या तो हेमंत सोरेन को न्यायिक हिरासत में जेल में रखा जाए या रिमांड के दौरान उनसे पूछताछ के लिए इस को पूरा कंट्रोल दिया जाए. किसी से अनुसंधान में क्या पूछता है और कब तक पूछता है यह कोई और तय नहीं कर सकता है.

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