बिहार सरकार ने गया का नाम बदलकर ‘गया जी’ किया, ऐतिहासिक शहर को मिली नई पहचान
पटना: बिहार सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गया का नाम बदलकर अब गया जी कर दिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वसम्मति से इस निर्णय पर मुहर लगाई गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
गया भारत का एक प्राचीन तीर्थस्थल है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है।
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पितृ पक्ष में यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं।
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भगवान विष्णु के पदचिह्नों का स्थान, जिसे विष्णुपद मंदिर कहा जाता है, यहां की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
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बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी यह स्थान पवित्र है, क्योंकि महात्मा बुद्ध ने बोधगया में ही ज्ञान की प्राप्ति की थी।
गया जी नामकरण के पीछे सरकार का मानना है कि यह न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान करेगा, बल्कि इस ऐतिहासिक शहर की पहचान को और अधिक स्पष्ट और सम्मानजनक बनाएगा।
सरकार का बयान
बिहार सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “गया का नाम बदलकर गया जी करना हमारे सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने का एक प्रयास है। यह फैसला श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप लिया गया है।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि, “गया जी का नया नाम इस स्थान की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। इससे पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस निर्णय पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
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भाजपा ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह सनातन संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक अच्छा कदम है।
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वहीं, राजद ने इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि सरकार को नाम बदलने की बजाय बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि गया जी के नाम से इस धार्मिक स्थल की लोकप्रियता और बढ़ेगी।
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विदेशी पर्यटकों के बीच बौद्ध धर्म और हिंदू तीर्थस्थल के रूप में यह स्थान और भी आकर्षक बनेगा।
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सरकार ने बोधगया और विष्णुपद मंदिर तक बेहतर परिवहन सुविधाएं और बुनियादी ढांचे के विकास की योजना भी बनाई है।
नए नामकरण की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू
बिहार सरकार ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे सभी आधिकारिक दस्तावेजों, सरकारी रिकॉर्ड्स और संकेतकों में ‘गया’ को बदलकर ‘गया जी’ करें।
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रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और हवाई अड्डे पर भी नाम परिवर्तन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
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नगर निगम और प्रशासनिक विभागों को भी नए नाम को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या गया जी का नया नाम बिहार के धार्मिक पर्यटन को नई उड़ान देगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इस ऐतिहासिक बदलाव ने एक बार फिर से बिहार की संस्कृति और धरोहर को राष्ट्रीय पटल पर ला खड़ा किया है।