अमेरिकी सरकार ने भारतीय ट्रैवल एजेंसियों के मालिक-अधिकारियों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाने की घोषणा

 

वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 20 मई 2025
अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को घोषणा की कि भारत में स्थित और कार्यरत ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों, कार्यकारी अधिकारियों व वरिष्ठ पदाधिकारियों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस के अनुसार, यह कार्रवाई उन एजेंसियों पर केंद्रित है जो “जानबूझ कर” लोगों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराने में मदद कर रही हैं।

ब्रूस ने कहा, “हम प्रतिदिन नई दिल्ली स्थित दूतावास और भारत-भर के वाणिज्य दूतावासों के साथ मिलकर ऐसे नेटवर्क की पहचान कर रहे हैं जो अवैध आव्रजन, मानवीय तस्करी और स्मगलिंग में लिप्त हैं। हमारी प्राथमिकता इन नेटवर्कों को तोड़ना और कानून उल्लंघन करने वालों को जवाबदेह बनाना है।”

विद्यार्थियों का मुद्दा उठा

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने हाल में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उन भारतीय विद्यार्थियों का मुद्दा उठाया है जिन्हें अमेरिकी आव्रजन नोटिस मिले हैं। एक सर्वेक्षण में सामने आया कि नोटिस प्राप्त करने वाले 50 फीसदी विद्यार्थी भारतीय हैं। हालांकि, अमेरिकी दूतावास ने गोपनीयता नियमों का हवाला देकर प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची साझा करने से इनकार किया।

पहले भी की गई कड़ी कार्रवाई

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के अवैध आव्रजन विरोधी रुख के तहत फरवरी 2025 में लगभग 330 भारतीयों को स्वदेश भेजा गया था। माना जाता है कि यह विषय पिछले माह अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस की भारत यात्रा के दौरान उच्च-स्तरीय वार्ता में उठा था।

वैश्विक नीति का हिस्सा

विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि यह वीज़ा प्रतिबंध नीति वैश्विक है और अमेरिका के वीज़ा वेवर प्रोग्राम के पात्र व्यक्ति भी इसके दायरे में आ सकते हैं। प्रवक्ता के शब्दों में, “हम अवैध आव्रजन के खतरों के बारे में विदेशियों को सचेत करने के साथ-साथ उन व्यक्तियों को भी उत्तरदायी ठहराएंगे जो इस प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं।”

अमेरिका की इस सख़्त पहल से भारतीय ट्रैवल उद्योग पर तत्काल असर पड़ने की संभावना है, जबकि दोनों देशों के बीच छात्र व कारोबारी आवाजाही के नियमों पर भी नज़र रखी जा रही है।

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