क्या Vodafone Idea भारत में बंद होने वाली है? सुप्रीम कोर्ट में अर्जी और 2.3 लाख करोड़ का कर्ज़ संकट
नई दिल्ली | 21 मई 2025: कर्ज़ के बोझ तले दबी टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea (Vi) ने 2.3 लाख करोड़ रुपये के भुगतान मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में राहत की गुहार लगाई है। कंपनी का कहना है कि वह एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम लाइसेंस फ़ीस सहित कुल 27 बिलियन डॉलर की देनदारियां चुकाने की स्थिति में नहीं है।
कर्ज़ का ब्रेक-अप
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₹ 77,000 करोड़ – AGR बकाया
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₹ 45,000 करोड़ – AGR पर ब्याज़ व पेनल्टी
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₹ 1.4 लाख करोड़ – स्पेक्ट्रम लाइसेंस शुल्क
सरकार पहले ही 49 % हिस्सेदार
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फरवरी 2023 और मार्च 2025 में दो चरणों में ब्याज़ व देनदारियों को इक्विटी में बदलकर सरकार की हिस्सेदारी 23 % से बढ़कर 49 % हो चुकी है।
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सितंबर 2025 से मोरेटोरियम समाप्त होने पर बकाया चुकाना अनिवार्य है, वरना कंपनी डिफॉल्ट मान ली जाएगी।
दो संभावित रास्ते
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टेकओवर व पूर्ण सरकारीकरण
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यदि Vi कर्ज़ नहीं चुका पाती तो केंद्र सरकार शेष हिस्सेदारी लेकर उसे पूरी तरह सरकारी कंपनी बना सकती है।
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ऐसी स्थिति में BSNL और Vi के विलय की अटकलें तेज़ हैं, जिससे एक साझा सार्वजनिक इकाई का मार्केट-शेयर लगभग 17.5 % हो जाएगा।
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घोषित दिवालिया व सेवा बंद
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दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने पर 12.6 करोड़ मौजूदा ग्राहकों को नंबर पोर्टिंग के अतिरिक्त विकल्पों पर निर्भर होना पड़ सकता है।
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बाज़ार पर असर
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फिलहाल रिलायंस Jio के पास ~50 % और भारती एयरटेल के पास ~34 % मोबाइल मार्केट-शेयर है।
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Vi या BSNL में से किसी एक के हटने पर बाज़ार ‘डुओपॉली’ (दो-ध्रुवीय) हो सकता है, जिससे प्रतिस्पर्धा और टैरिफ‐स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
ग्राहकों के लिए क्या मतलब?
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कंपनी का संचालन बाधित होने की स्थिति में दूरसंचार विभाग को सेवा निरंतरता सुनिश्चित करनी होगी।
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ग्राहकों को MNP (माइग्रेशन/पोर्टिंग) का विकल्प तैयार रखना चाहिए, विशेषकर लंबे समय से एक ही नंबर उपयोग कर रहे उपभोक्ताओं को।
आगे क्या?
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सुप्रीम कोर्ट में Vi की याचिका पर अगली सुनवाई जून के पहले सप्ताह में संभावित है।
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सरकार यदि पूर्ण टेकओवर का रास्ता चुनती है तो नई मेगा-BSNL के गठन का खाका तैयार किया जा सकता है, ताकि Jio-Airtel के वर्चस्व को संतुलित किया जा सके।
इशारों-इशारों में यही सवाल सबसे बड़ा है—क्या Vi का ‘V’ अब ‘BSNL’ में बदलने वाला है, या देश तीसरे निजी टेलीकॉम खिलाड़ी को हमेशा के लिए खो देगा?