भारत ने रद्द किया तुर्की की कंपनी “Celebi Aviation” का सिक्योरिटी क्लीयरेंस, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर हुआ केस

नई दिल्ली: भारत सरकार ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी Celebi Aviation का सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है और भारत सरकार के निर्णय को “मनमाना” और “अस्पष्ट” बताते हुए इसे चुनौती दी है। Celebi Aviation ने अपनी याचिका में कहा है कि नेशनल सिक्योरिटी के नाम पर बिना स्पष्ट कारण बताए उनका क्लीयरेंस रद्द करना उचित नहीं है।


क्या है Celebi Aviation और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

Celebi Aviation एक तुर्की आधारित वैश्विक एविएशन सर्विस प्रोवाइडर है, जो ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं में विशेषज्ञता रखता है।

  • भारत में 2009 से इस कंपनी को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, गोवा, और हैदराबाद जैसे प्रमुख एयरपोर्ट्स पर ऑपरेट करने की अनुमति थी।

  • यह कंपनी एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो लोडिंग-अनलोडिंग और चेक-इन सेवाओं का संचालन करती थी।

  • कंपनी की सेवाएं एयरपोर्ट के सुरक्षा-संवेदनशील क्षेत्रों में होती हैं, जिसके लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) का सिक्योरिटी क्लीयरेंस अनिवार्य होता है।


सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द क्यों किया गया?

भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए Celebi Aviation का क्लीयरेंस रद्द करने का निर्णय लिया।

  • ऑपरेशन सिंधु के दौरान पाकिस्तान को तुर्की से मिली सैन्य सहायता की खबरें सामने आईं।

  • तुर्की के बैराकटार ड्रोन और सोंगार ड्रोन को पाकिस्तान में भेजा गया, जिसने भारत के खिलाफ हमलों में भूमिका निभाई।

  • भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने संकेत दिया कि जब तुर्की पाकिस्तान को खुलेआम समर्थन कर रहा है, तो उसकी कंपनी को भारत के महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर में काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।


Celebi Aviation का दिल्ली हाईकोर्ट में केस

भारत सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए, Celebi Aviation ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि:

  1. सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द करना मनमाना और असंवैधानिक है।

  2. नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देकर इसे रद्द किया गया, लेकिन कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया।

  3. इस फैसले से 3800 भारतीय कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट आ सकता है।

कंपनी का यह भी दावा है कि भले ही वह तुर्की में रजिस्टर्ड है, लेकिन इसके ज्यादातर निवेशक अमेरिका, यूके, कनाडा, यूएई और यूरोप के हैं।


भविष्य की चुनौतियां और असर

भारत सरकार के इस कदम का सीधा असर Celebi Aviation के बिजनेस पर पड़ा है।

  • कंपनी के स्टॉक प्राइस में दो दिनों के अंदर 20% की गिरावट दर्ज की गई।

  • भारत के एयरपोर्ट्स पर उनकी ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं बंद हो गई हैं।

  • मुंबई एयरपोर्ट पर इंडो-थाई कंपनी को ग्राउंड हैंडलिंग का कार्य सौंप दिया गया है।

  • बाकी एयरपोर्ट्स पर भी भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देने की योजना है।


जियोपॉलिटिकल प्रभाव और भारत का संदेश

भारत ने तुर्की के पाकिस्तान को समर्थन देने के बाद यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब उसकी धरती पर तुर्की से संबंध रखने वाली कंपनियों को संवेदनशील क्षेत्रों में कार्य नहीं करने दिया जाएगा।

  • यह कदम भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता (Strategic Autonomy) की ओर इशारा करता है।

  • हुवावे को 5G नेटवर्क से बैन करना और चाइनीज पोर्ट कंपनियों को हटाना, इसी नीति का हिस्सा रहा है।

  • भारत अब एयरपोर्ट, पोर्ट्स और टेलीकॉम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में केवल भरोसेमंद साझेदारों को ही मौका देना चाहता है।


दिल्ली हाईकोर्ट में अगली सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 मई को निर्धारित की है।

  • कोर्ट सरकार के फैसले पर स्टे भी लगा सकता है, हालांकि नेशनल सिक्योरिटी का मामला होने के कारण इसके चांसेज कम हैं।

  • हाईकोर्ट सरकार से जस्टिफिकेशन भी मांग सकती है।

  • या फिर, Celebi Aviation की याचिका को खारिज भी किया जा सकता है।

भारत सरकार का यह कदम साफ दिखाता है कि अब विदेश नीति के साथ-साथ देश की सुरक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। तुर्की के पाकिस्तान को दिए गए समर्थन के बाद, भारत ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों से उसकी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाकर कड़ा संदेश दिया है।

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