सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का निधन, मुंबई के अस्पताल में ली अंतिम सांस, आज लखनऊ लाया जाएगा पार्थिव शरीर

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Mumbai: सहारा श्री सुब्रत रायॅ का मुंबई के एक अस्पताल में मंगलवार देर रात निधन हो गया. वह गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. बीते कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था.आज उनका पार्थिव शरीर लखनऊ लाया जाएगा. लखनऊ में ही उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी. सहारा इंडिया परिवार ने एक प्रेस नोट जारी करके निधन की सूचना दी है.

जारी बयान में बताया गया है कि वे हाइपर टेंशन और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों से लड़ रहे थे और कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ. बयान में कहा गया है कि 12 नवंबर को स्वास्थ्य ख़राब होने के चलते उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

अखिलेश यादव ने निधन पर जताया शोक

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर सुब्रत राय के निधन पर दुख प्रकट किया है. उन्होंने लिखा, “सहारा श्री सुब्रत रॉय जी का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति हैं क्योंकि वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदय वाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की उनका सहारा बने. भावभीनी श्रद्धांजलि!”

बिहार के अररिया में हुआ था जन्म

सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था. वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. उन्हें देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से भी जाना जाता था.बिहार के अरारिया जिले में जन्मे सुब्रत रॉय ने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. सहाराश्री ने वर्ष 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय शुरू किया और सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की.

वर्ष 2012 में इंडिया टुडे पत्रिका ने सुब्रत रॉय को भारत के 10 सर्वाधिक अमीर लोगों में शामिल किया था. आज सहारा समूह हाउसिंग, मनोरंजन, मीडिया, रिटेल और वित्त सेवाओं जैसे तमाम क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सहारा समूह के पास जून-2010 तक लगभग 1,09,224 करोड़ रूपये की परिसंपत्ति थी. फोर्ब्स की सूची के अनुसार राय देश में व्यक्तिगत संपत्ति के मामले में सबसे धनवान शख्स थे. देश के कारोबारी दिग्गजों में शुमार किए जाने वाले राय की कुल संपत्ति करीब 3 अरब डॉलर (24882 करोड़ रुपये) थी.

टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा सहारा

साल 2001 से 2013 तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा. सहारा की टीम पुणे वॉरियर्स ने साल 2011 में आईपीएल में एंट्री ली थी. 2013 में सहारा ग्रुप की वित्तीय स्थिति ख़राब होने के बाद यह क़रार ख़त्म कर दिया.

सुब्रत राय ने साल 1993 में एयर सहारा शुरू की थी, जिसे बाद में उन्होंने जेट एयरवेज को बेच दिया.उनके पतन की शुरुआत सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी के आईपीओ से हुई. उन पर दो कंपनियों में नियमों के ख़िलाफ़ लोगों से करोड़ों रुपये निवेश करवाने का आरोप लगा, जिसके चलते उन्हें जेल दो साल जेल में रहना पड़ा.

सेबी से हुए विवाद के बाद जाना पड़ा जेल 

करीब एक दशक पूर्व रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाले सुब्रत राय के सहारा समूह का पतन सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुआ. सेबी ने सहारा की कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन में जमा निवेशकों की रकम को नियम विरुद्ध तरीके से दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर करने पर आपत्ति जताते हुए करीब 24 हजार करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था. बाद में, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई महीने तक सुब्रत राय को जेल में रखा. समूह की संपत्तियां बेचने पर रोक लगा दी. मई, 2016 में मां की मौत के बाद उन्हें जमानत मिली और अब तक वह इस मामले में जमानत पर ही थे.

जब केंद्र ने शुरू किया पोर्टल

कोर्ट के आदेश पर बिकने वाली संपत्तियों की रकम भी सहारा को सेबी के पास जमा कराने का आदेश दिया. सहारा ने सेबी को कुल जमा राशि का बड़ा हिस्सा दिया, पर पूरी रकम जमा नहीं कर सका. इस बीच, समूह की कंपनियों और निदेशकों के खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज होते गए. पुलिस निदेशकों की तलाश में छापे मारती रही. हालांकि सहारा समूह को कुछ राहत तब मिली, जब केंद्र सरकार ने सहारा के निवेशकों की रकम को वापस करने के लिए पोर्टल शुरू किया. सहारा समूह के पास वर्तमान में कई शहरों में संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत दो लाख करोड़ से अधिक होने का दावा किया जाता है.

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