सुबह खाली पेट न खाए जाने वाले फल: आयुर्वेदिक चेतावनी
बहुत-से लोग दिन की शुरुआत फल खाकर करते हैं, पर आयुर्वेद के अनुसार कुछ फल-वर्ग और पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें सुबह खाली पेट लेने से पाचन दोष, गैस या ऊर्जा-स्तर में असंतुलन हो सकता है। योग-ग्रंथ योग रत्नाकर और पारंपरिक चिकित्सा-ग्रंथों के आधार पर ध्यान रखें —
सुबह न खाएँ | बेहतर समय | कारण (संक्षेप में) |
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चिरौंजी | दोपहर/शाम | भारी व गरिष्ठ; सुबह जठराग्नि मंद करती है। |
जामुन (जंभू) | दोपहर | तीक्ष्ण, कफ व पित्त असंतुलित कर सकता है। |
बर/बदर (बेर) | दोपहर | कसैला स्वभाव; खाली पेट अम्लता बढ़ा सकता है। |
इमली | कभी खाली पेट नहीं | अत्यधिक अम्लीय, पेट में जलन। |
ताल फल (ताड़गोला) | दोपहर | शीतल गुण; सुबह सुस्ती ला सकता है। |
सुपारी (अreca nut) व इससे बने पेय | दिन में सीमित | सुबह लेने पर हाइपर-असिडिटी का डर। |
नारियल पानी | दोपहर/संध्या | सुबह ठंडा-पोषक गुण पाचन-अग्नि धीमा करता है। |
तिल से बने लड्डू | दोपहर | तिल उष्ण-तेज; खाली पेट गर्मी व अम्लता बढ़ा सकता है। |
आम (मैंगो) | दोपहर/शाम | उच्च शर्करा; सुबह ग्लूकोज-स्पाइक। |
केला | रात सोने से पहले | सुबह कफ बढ़ा सकता है, भारीपन। |
आँवला | दोपहर | तीक्ष्ण-अम्ल; खाली पेट गैस व जलन। |
ध्यान दें: पपीता, तरबूज, सेब आदि हल्के और जल-समृद्ध फल सुबह उपयुक्त माने जाते हैं, बशर्ते व्यक्ति का पाचन सामान्य हो। किसी भी नए आहार-नियम से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक या पोषण-विशेषज्ञ से परामर्श करें।